तुम युगपुरुष, तुम युगदृष्टा लगन, कर्मठता और है निष्ठा अस्सीम सेवाएं अपनी देकर देश को दिया नया आया... तुम युगपुरुष, तुम युगदृष्टा लगन, कर्मठता और है निष्ठा अस्सीम सेवाएं अपनी देकर ...
आँखे निस्तेज डरी हुई सी भय थिरकन से भरी हुई सी खतरा हर पल लगा हुआ सा गले में अटकी जान हूँ। आँखे निस्तेज डरी हुई सी भय थिरकन से भरी हुई सी खतरा हर पल लगा हुआ सा गले में ...
उन सारे अधूरे सवालों का ज़िक्र मेरे ख़्वाबों में कर जाया करती है... उन सारे अधूरे सवालों का ज़िक्र मेरे ख़्वाबों में कर जाया करती है...
कौन कहता है कि वक्त फिसलता नही हाथो से ? जान लोगे तुम भी रेत को मुट्ठी में लेने के बाद ! कौन कहता है कि वक्त फिसलता नही हाथो से ? जान लोगे तुम भी रेत को मुट्ठी में ले...
ना घर, ना घरवाले बस कागज़ के नोटों से रौशन हूँ मैं...! ना घर, ना घरवाले बस कागज़ के नोटों से रौशन हूँ मैं...!
धन के भक्षी लोभी भेडि़ये से तंग आकर वह जल मरी श्मशान पहुंचने से पहले ही चिता बन घर में जल जाती है... धन के भक्षी लोभी भेडि़ये से तंग आकर वह जल मरी श्मशान पहुंचने से पहले ही चिता ...